दर्द-ए-तोहफा
दर्द एक सपना है, जनाब,
दर्द एक सदमा है।
रूह के रोंगटे खडे करने वाला
दर्द एक दास्तान-ए-नगमा है।
दर्द कातिल भी है
दर्द ही कत्ल करने वाला जाहिल भी है।
दर्द मोहब्बत भी है
दर्द ही नूर-ए-इश्क के बुझने में है।
दर्द इबादत में है
दर्द शिकायत में है।
जो लफ्जों में बयां न हो सके
दर्द इस दिल की हर मखमली मातम में है।
दर्द एक बहता दरिया है
दर्द वो शामें अदा करने का जरिया है।
इस उदासी भरी जिंदगी
को अर्थ देने का नजरिया है।
दर्द अकेलापन है
दर्द ही अकेले का साथी भी है।
दर्द से ही हम जन्मे है
दर्द में ही जिएं है और दर्द से ही मिट जाना है।
- Shayarlal
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